सामग्री :
· लकड़ी का वर्गाकार बाक्स 6 इंच ऊँचा, 8 इंच चौड़ा, 10 इंच लम्बा
· पके हुए चावल अगर एक दिन बासी हो तो अच्छा होगा
· मच्छरदानी या जालीदार कपड़ा
· रबड़ बैंड या बांधने के लिये सुतली
· कांच का जार 2 किलो मात्रा का
· टॉयलेट पेपर
· सूखा गुड़
बनाने का तरीका:
प्रथम चरण (IMO-1) - 1. बाक्स में पका हुआ 500 ग्राम चावल मसल कर भर दें, जिससे वह एक दूसरे से चिपका न रह जाए। फिर उसे बाक्स में भरें और टॉयलेट पेपर से ढक कर रबड़ बैंड लगा दें। उसे ऐसे स्थान पर रखें जहाँ जोताई न हुई हो। हो सके तो बांस के नीचे छाये में डलिया से ढक कर रख ऊफर से कोई पत्थर रख दें। जिससे कोई जानवर नुकसान न पहुँचा सके और बरसात का पानी न जा सके।
तैयार होने का समय - गर्मी में तीन दिन / जाड़े में 4 दिन से एक सप्ताह।
दूसरा चरण: (IMO-2) - तैयार आई.एम.ओ को बाक्स से बाहर निकालें, उसे कांच के जार में डाल कर बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर जार को टॉयलेट पेपर से ढक कर रबर बैंड लगा कर रख दें।
तैयार होने का समय - 7 दिन
उपयोग - सिंचाई करते समय पानी के साथ डालें। इसके लिये 36 घंटे पहले पानी में घोल बना लें। स्प्रे के माध्यम से भी छिड़काव कर सकते हैं।
मात्रा - 1 मिलीग्राम आई.एम.ओ. को 1 लीटर पानी में
फायदा - यह जमीन में सूक्ष्म जीवों की मात्रा को बढ़ाकर मिट्टी को भुरभुरा बनाता है एवं खेत में उपलब्ध खनिजों को तत्व के रूप में परिवर्तित कर पौधों को खाने योग्य स्थिति में बनाता है।
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